Anam

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कबीर दास जी के दोहे


कबीरा तेरी झोपडी, गल कटीयन के पास
जैसी करनी वैसे भरनी, तू क्यों भया उदास।। 

अर्थ :

कबीर दास जी कहते हैं कि यदि तुम्हारा घर कसाई के पास है तो क्या? उसकी हरकतों के लिए तू ज़िम्मेदार नहीं है। अर्थात अपने कर्मों का फल सबको खुद ही भुगतना पड़ता है।

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